Din Kaise Hota Hai आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि दिन और Raat कैसे होती हैं वैसे दोस्तों आपको पता होगा 1 दिन और एक Raat 24 घंटे का होता है जिसमें दिन 12 घंटे का होता है और रात 12 घंटे की होती है |
जब हम छोटे थे स्कूल जाते थे तो हमे में स्कूल में पढ़ाया जाता था आपने किताबों के द्वारा जाना होगा कि din कैसे होता है और raat kaise hota hai पर हमें छोटे होते समय वह बातें याद नहीं रहती इसलिए हमें यह याद नहीं है कि दिन कैसे होता है और रात कैसे होती है |
दोस्तों मैं आपको यहां पर बता देना चाहता हूं दिन और रात का होना कोई चमत्कार नहीं है चलिए इस पोस्ट में जानते हैं दिन में दिन क्यों होता है और रात में रात क्यों होती है |
Contents
दिन और रात कैसे होता है Din Raat Kaise Hota Hai
दिन और रात का होना पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने की वजह से होता है अब आप सोच रहे हो कि पृथ्वी घूमती कैसे हैं पृथ्वी एक जगह स्थित है अगर घूमती तो हमें पता लगता तो चलिए जानते हैं |
पृथ्वी की गति दो प्रकार की है
- घूर्णन गति और
- दूसरी परिक्रमण गति
घूर्णन गति का अर्थ है पृथ्वी का गेंद की तरह गोल गोल घूमना |
परिक्रमण गति का अर्थ है कि किसी वस्तु के चारों ओर चक्कर लगाना |
चलिए इसे थोड़ा आसान भाषा में समझाते हैं |
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है और वह घूमते घूमते सूर्य का चक्कर लगाती है पृथ्वी का अपने धूरी पर घूमते समय जो हिस्सा सूर्य के सामने होता है वहां पर दिन हो जाता है और जो हिस्सा सूर्य से छिपा होता है वहां पर रात हो जाती है |
पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट में लगाती है आसान भाषा में समझो तो पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर एक चक्कर 1 साल में लगता है और पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमते हुए एक चक्कर पूरा 1 दिन में करती है यानी 24 घंटों में |
जब पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट यानी 1 साल में लगाती है तो 1 साल के दिन 365 होते हैं पर जो ऊपर के 6 घंटे 48 मिनट बचते है उनको आगे आने वाले चौथे साल में जोड़ दिया जाता है यानी 4 सालों के छह 6 घंटे मिलाकर 24 घंटे हो जाते हैं जिसकी वजह से हर 4 साल बाद एक लीप वर्ष आता है जिसमें 366 दिन होते हैं |
लीप वर्ष में फरवरी के महीने में 29 दिन होते हैं जो 1 दिन एक्स्ट्रा बनता है उसे फरवरी में जोड़ दिया जाता है
Solar day (सौर दिवस):- सूर्य को गतिहीन मानकर पृथ्वी द्वारा इसके परिक्रमण की गणना दिनों के रूप में की जाती हैं तब सौर दिवस ज्ञात होता हैं। एक सौर दिवस की अवधि 24 घण्टे की होती हैं।
दिन कैसे होता है
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए यह चक्कर लगाते समय पृथ्वी अपनी धुरी पर गोल गोल घूमती रहती है जब पृथ्वी गोल गोल घूमती है उस समय उसका आधा हिस्सा सूर्य के सामने होता है
जिस हिस्से पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है पृथ्वी पर वहां पर दिन होता है और पृथ्वी के जिस हिस्से पर सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ता है वहां पर रात होती है |
दोस्तों मैं आपको एक बात और बता देता हूं पृथ्वी के कुछ ऐसे हीसे हैं जहां पर कई महीनों तक सूर्य अस्त नहीं होता यानी कि वहां पर हर समय सूर्य का प्रकाश पढ़ता रहता है
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इसलिए वहां पर दिन ही रहता है पृथ्वी का नॉर्वे ऐसा हीसा है जहां पर 6 महीने तक सूरज डूबता नहीं है इस वजह से वहां पर 6 महीने तक दिन ही रहता है |
पृथ्वी पर दिन और रात का होना पृथ्वी के खुद के घूमने की वजह से है जब पृथ्वी सूरज के चारों ओर चक्कर लगाते समय घूमती है तो उसका कुछ हिस्सा सूरज के सामने आ जाता है वहां पर सूरज का प्रकाश गिरता है और जो हिस्सा सूरज के सामने नहीं होता वहां पर सूरज का प्रकाश नहीं गिरता वहां पर अंधेरा ही रहता है
अंतिम शब्द
दोस्तों आशा करता हूं आपको पता लग गया होगा कि पृथ्वी पर din kaise hota hai और पृथ्वी पर raat kaise hota hai दोस्तों अगर यह पोस्ट आपको पसंद आई है और इस पोस्ट से आपको कुछ नया सीखने को मिला है तो
इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना और इस पोस्ट के बारे में अगर आपको कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपको जल्द से जल्द रिप्लाई देने की कोशिश करेंगे मिलते हैं दोस्तों एक नई पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद